Saturday, May 3, 2025

एकांत विचार – 27

एकांत विचार – 27

सुंदर है ये सृष्टि नहीं,
जब अपना हो कोई, तभी है सच्ची सुंदरता।
एक मुस्कान, एक नज़र ही काफी है,
मन में बहार सी छा जाती है।

सिर्फ साथ बिताए पल ही नहीं,
यादें भी मधुर गीत बन जाती हैं।
भीड़ में भी हर तरफ,
सिर्फ उसी में रंग दिखाई देता है।

चारों ओर का आसमान भी,
नए रंगों में चमकने लगता है।
जहाँ वह होता है, वही जगह
दिल में प्रेम भरा सपना बन जाती है।

जी आर कवियुर 
०४ ०५ २०२५

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