एकांत विचार – 42
ज्ञान एक दीपक के जैसा है,
जो अंधेरे में रास्ता दिखाता है।
धन से भी बढ़कर है इसकी कीमत,
सुंदरता को भी पीछे छोड़ देती है इसकी चमक।
पढ़े-लिखे लोग दुनिया की आंखें हैं,
वे नई सुबह की रौशनी लाते हैं।
सोना चाहे कितना भी हो, मन को ज्ञान ही चमकाता है,
क्या ज्ञान ही सच्चा आभूषण नहीं है?
भाग्य साथ न दे तो भी ज्ञान बढ़ता है,
उसकी कीमत साबित करने में पल ही काफी हैं।
एक बढ़ते पेड़ की तरह ज्ञान फैलता है,
और जीवन को ठंडी छांव देता है।
जी आर क
वियुर
१५ ०५ २०२५
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