Wednesday, May 21, 2025

एकांत विचार – 50 सूर्य के लिए

एकांत विचार – 50

सूर्य के लिए


बिना जाने चल पड़ा एक राह पर,
तेरी मौजूदगी लाई मीठी उम्मीद,
मन में बसी एक शांत सी छाया,
पल तेरे प्रकाश से जगमगाए।

शब्दों से तुझे कह न सका,
मौन में ही उलझा रह गया,
देखे बिना भी तुझको तरसा,
हवा की तरह तेरा स्पर्श महसूस किया।

तेरी नजरों ने राह दिखा दी,
आने वाले कल को उजाला दिया,
साहस तूने चुपचाप बांटा,
आशीर्वाद है तू, राह दिखाने वाला सूरज।

जी आर कवियुर 
२२ ०५ २०२५


No comments:

Post a Comment