जब मन जागे,
तुम्हें दिशा दिखानी चाहिए।
जब इच्छा आए,
उसे तुरंत स्वीकार मत करो।
जब विचार बाहर कूदें,
तब शांति से प्रतिक्रिया करो।
जब तुम असावधान हो जाओ,
भ्रम तुम्हारा मार्ग बना लेगा।
मन को अपनी पकड़ में रखो,
अगर तुम ऐसा नहीं करोगे,
तो वह तुम्हें
बिना जानें दबा लेगा।
जी आर कवियुर
०१ ०५ २०२५
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