Friday, May 9, 2025

एकांत विचार – 35




एकांत विचार – 35

"वो हाथ थामते हैं"

भगवान हमें कभी अकेला नहीं छोड़ते
वो साया बनकर हमारे साथ रहते हैं

जब हम रोते हैं, वो दिलासा देते हैं
दुख में वो हमारे पास होते हैं

जब रास्ता खो जाए, वो रौशनी दिखाते हैं
आखिरी उम्मीद बनकर चमकते हैं

जब मन उलझे, वो शांति देते हैं
थके दिल को ताकत देते हैं

फिर से शुरू करने का हौसला देते हैं
हमारा हाथ पकड़कर आगे बढ़ाते हैं

अंधेरे में रौशनी बनकर आते हैं
फिर से उम्मीद से हमें जगाते हैं

जी आर कवियुर 
१० ०५ २०२५

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