Monday, May 26, 2025

एकांत विचार – 55

एकांत विचार – 55


ऊँचे पहाड़ों में नहीं, गहरे समंदरों में नहीं,
हम असली रूप में रहते हैं शांत सोचों में कहीं।
एक प्यारी मुस्कान, एक स्नेहभरी नज़र,
जहाँ होता है प्यार, वहाँ नाचते हैं दिल हर पल।

जब हम उम्मीदें और सपने मिलकर बाँटते हैं,
शांत करुणा में आत्माएँ धीरे-धीरे जुड़ते हैं।
सितारों से आगे, आसमानों के पार,
प्यार की खूबसूरती रहती है अमर और अपार।

किसी की दुआ में हम अपना स्थान पाते हैं,
ममता और गर्मजोशी में खुद को पाते हैं।
दिलों में जीना, रौशनी बन जाना—
यही है सबसे पवित्र और सुंदर जहाँ।

जी आर कवियुर 
२६ ०५ २०२५

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