एकांत विचार – 38
विश्वास की राह
फैलती धुंध हमें न छुए
शाम के आकाश में आशा जग सकती है
अंधेरी राहों में भी रोशनी मिल सकती है
एक बार गिरें तो भी उठने की ताकत बढ़ती है
हर चुनौती एक याद दिलाती है
अपने भीतर की शक्ति को जगाएं
आज हारने का डर छोड़ दो
समय ही हमारा गुरु है, जो सिखाता और परखता है
बिना बदलाव के आगे बढ़ना नामुमकिन है
रुकावटें हमें हमारे अंदर की अच्छाई तक ले जाती हैं
साहस के साथ संकल्प भी बढ़े
आखिरकार, सफलता हमें छूने जरूर आएगी
जी आर कवियुर
१२ ०५ २०
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