Wednesday, May 28, 2025

एकांत विचार – 56

एकांत विचार – 56


जब ज्ञान की रोशनी से मन एक हो जाते हैं,
तो करुणा खिलती है, शुद्ध और चमकदार।

सम्मान से जुड़े हुए नेक दिलों के साथ,
सत्य और सद्गुण सीमाएं पार कर बढ़ते हैं।

जब किसी रत्न को सोने के धागे में पिरोया जाए,
तो वह पहले से अधिक चमकने लगता है।

जब अच्छे और शांत आत्माओं के साथ चलें,
तो शांति और खुशी पंख लगाकर उड़ती है।

उच्च विचारों और सरल राहों में,
सौंदर्य सच्चे दिनों में चमकता है।

ऐसे साथियों के साथ जो ऊँचाई पर ले जाएँ,
तो आँसू भी मुस्कराना सीख सकते हैं।

जी आर कवियुर 
२९ ०५ २०२५

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