Saturday, May 24, 2025

एकांत विचार – 53

एकांत विचार – 53

किसी चेहरे पर मुस्कान खिलते देखना,
जब कारण हम हों, समय या जगह की परवाह किए बिना—
एक ऐसी गहराई वाली खुशी, जिसे शब्दों में नहीं कहा जा सकता,

दया से दिल रोशन हो जाता है।

न धन चाहिए, न नाम या घमंड,
सिर्फ वो कोमल प्यार जो हमारे भीतर बसता है।

जब कोई अनजानी हथेली आँसू पोंछती है,
तभी ममता के बीज बोए जाते हैं।

एक मौन कार्य, एक छोटी सी दयालुता,
किसी भी कोने में जीवन को रोशन कर सकती है।

अगर इससे किसी आत्मा को राहत या संबल मिले,
तो वही है इंसानियत का सबसे ऊँचा रास्ता।

जी आर कवियुर 
२५ ०५ २०२५

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