जब शुरुआत धुंधली हो जाए, चलो ख़ामोशी में तलाश करें,
अनजाने रास्तों में भी उम्मीद से क़दम रखें।
रुकावटें जब कमज़ोर करें, विचार फिर से उठें,
अंधेरे में भी चमकते हैं कुछ सितारे।
एक छोटा दीपक लेकर दूर के सपने देखें,
जलती राहों पर भी आगे बढ़ते रहें।
इंद्रधनुष के रंगों में मिलती हैं नई दिशाएँ,
बंद आँखों में भी छिपे होते हैं कल के चमत्कार।
पुराने क़दमों को छोड़कर नया रास्ता खोजें,
डर को भूलकर भरोसे को साथ चलने दें।
यादों की लड़ाइयाँ हमें रोक नहीं सकतीं,
दिल की दीप्ति में नयी आशा को जगमगाने दें।
जी आर कवियुर
०५ ०५ २०२५
No comments:
Post a Comment