मेरा गम का सहारा
तेरी यादों से जीता हूं
अफसाना से क्या कहूं
मंजिले दूर थी रास्ता कठिन
दिल की बातें छुपी रहीं
खामोशी में दर्द बसी
आंखों में जो ख्वाब थे
वो भी टूटकर बिखर गए
राहें सूनी लगती हैं
तेरी यादें संजीवनी हैं
तेरे बिना अधूरी हूं
फिर भी तुझसे जुड़ी हैं
हर दिन इंतजार में
तेरी राह तकती हूं
तू ही मेरा सहारा है
तेरे बिना मैं अधूरी हूं
जी आर कवियूर
19 07 2024
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