हर हर महादेव
सावन की ऋतु जब आती है,
भोलेनाथ की भक्ति लाती है।
गंगा के पानी से अभिषेक करें,
हर हर महादेव के गूंजे स्वर।
जन्मे जल, तंत्र, बाण से,
शिव का नाम गूंजे हर एक कोने में।
बोलो भोले बाबा की जय,
धूप में बेलपत्र चढ़ाएं हम।
भक्तों के दिल में बसी है जो शांति,
भोलेनाथ की भक्ति से हर दुख है दूर।
सावन की घटा में, शिव का गान गाएं,
भोले बाबा की महिमा से हर मन में प्यार भराएं।
जी आर कवियूर
22 07 2024
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