अमृत पुत्र हूं, मृत्यु का भय नही,
सत्य की राह पर, मेरी विजय सजीव रही।
धोखा और झूठ, कभी अपनाता नही,
जीवन का हर कदम, सच्चाई से सजीव रही।
पतझर कितना भी कठोर हो आये,
मन में वसंत का संचार रहे।
हर मुश्किल का सामना करना है,
विश्वास की ज्योति जलाए रखनी है।
आंधियों से डरना नही, संघर्ष में जीना,
हर परिस्थिति में मुस्कुराना है, हार नही मानना।
जीवन में सदा आगे बढ़ते रहना,
आशा की किरण, कभी बुझने न देना।
जी आर कवियूर
07 07 2024
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