Wednesday, July 24, 2024

यादें पुरानी तेरी

यादें पुरानी तेरी

यादें पुरानी तेरी  
मीठी सी लगती है  
आज तो फिर भी  
कहूं क्या काम भी नहीं  

बीते लम्हों की वो बाते  
सपनों में जो सजती हैं  
दिल में उतर जाती हैं  
आंखों में जैसे छपती हैं  

फिजाओं में भी गूंजे  
वो हंसी तेरी प्यारी  
कहीं खो गई हैं वो  
यादें, आज भी हैं जारी

जी आर कवियूर
 24 07 2024

No comments:

Post a Comment