करवटें बदल बदल कर रात भर नींद ना आए
तारे जैसे तेरी नैना की यादों में जो समाए
आंसुओं से सजे हैं ये जख्म पुराने मेरे
तेरी यादों के बंधन में दिन-रात बीत जाए
तेरे बिना ये दिल है कैसे उदास रहता
तेरी यादों में बसी हर सास महक जाए
सपनों में तेरी तस्वीरें हैं बसी मेरी
कभी गुनगुनाती, कभी चांदनी भी रो जाए
तेरी यादों का जादू है अजीब, ए जान
हर धड़कन में तेरा नाम रच बस जाए
जी आर कवियूर
30 07 2024
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