Monday, July 1, 2024

मेरी फरियाद कितना दफा की ( गजल )

मेरी फरियाद कितना दफा की ( गजल )

मेरी फरियाद कितनी दफा की तुझसे,
आज भी करता रहा हूं मानो मन से।
यादों में बसी है मेरी दुनिया,
हर कदम पर तुझे ही चाहा है मैंने।

बिना तेरे ये सफर अधूरा लगता है,
साथ हो तो सब कुछ पूरा लगता है।
हर लम्हा नाम किया मैंने तेरा,
बिना तुझसे जीना मुश्किल पाया मैंने।

खुशबू से महकता है ये दिल,
आवाज़ से सजता है मेरा हर पल।
बिना तेरे ये दिल तन्हा हो जाता है,
हंसी से ही ये मुस्कुराता है।

आँखों में देखा है मैंने अपना जहां,
बिना तुझसे ये जीवन अधूरा सा है।
बातों में है सुकून का एहसास,
बिना तुझसे ये दिल हमेशा उदास।

जी आर कवियूर
01 07 2024

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