Friday, July 12, 2024

साथ चलते चलें,

साथ चलते चलें,  

तुम हो प्रखर, मैं हूँ मुखर,  
तुम संगीत, मैं हूँ गीत।

हमारा मार्ग एक ही है,  
पग हमारे अनेक सही हैं।

दृष्टि हमारी लक्ष्य पर है,  
शिखर पर पहुंचना सपना है।

ना कोई उच्छ्वास है यहाँ,  
बस अंतिम श्वास का आस है।

यही जीवन का मधुर गीत,  
संग तुम्हारे, है ये मीत।

हर कदम साथ चलते चलें,  
सपनों को हम साकार करें।

जी आर कवियूर
13 07 2024

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