तेरी यादों
यूं तो क्या जाने हम
तेरी यादों की छाया में
तन्हाइयों में बिखरे दिन रात
सपनों की सहारा और
कितने दिन चले आओ
तेरे बिन हर खुशी अधूरी
हर ख्वाहिश रही अधूरी
आओ अब लौट आओ
दिल को फिर से सजाओ
तेरे बिना ये जीवन सूना
बीतता नहीं एक भी पहर
राह में निगाहें बिछी हैं
तेरी यादों का साया हर पल साथ है
जी आर कवियूर
27 07 2024
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