Thursday, July 18, 2024

तेरी याद

तेरी याद की धुन में
रात बिताई
बिन निंदिया के

अश्कों की चादर ओढ़
चुपचाप बैठे
विरह की आग में

जुगनू से जले पल
यादों के दीपक
सपनों की रौशनी

आँखों में बसे थे
तेरे वो चेहरे
खामोश सी बातें

रात यूँ कट गई
तेरी यादों में
दिल तन्हा सा रहा

चाँदनी के तले
तेरी यादों का
ये सफर जारी रहा


जी आर कवियूर
18 07 2024

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