तू मेरी ग़ज़ल बन जाए,
चाहत इतनी की तू मेरी ग़ज़ल बन जाए,
हारमोनियम की सांसों में, तबला की ताल बन जाए।
तेरे बिना ये दिल वीरान-सा हो जाए,
हँसी से जैसे, फूलों में बहार आ जाए।
निगाहें जब मुझसे बात करती हैं,
जैसे साज पे मधुर धुन कोई बज जाए।
बातों में ही सारा जहाँ बसता है,
बिना तेरे ये जीवन अधूरा रह जाए।
मोहब्बत का रंग ऐसा गहरा है,
हर एक शेर में तेरा नाम लिखा रह जाए।
बिना तेरे ये धड़कन भी ख़ामोश हो जाए,
साथ तेरे ही जैसे ज़िंदगी की नई राह मिल जाए।
जी आर कवियूर
25 07 2024
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