करुवत्ते बदलते रहे हैं
आतिथी तेरे याद पुराने
जीते हैं तेरी छाया में सनम
हर आहट में, तेरी आवाज़ सुनाई देती है
तेरे बिना ये रात, अधूरी सी लगती है
यादों के साए में, हम जी रहे हैं
तेरे बिना, ये जिंदगी अधूरी सी लगती है
जब भी तेरा ख्याल, दिल में आता है
सांसों में, तेरी महक बस जाती है
तेरे बिना जीना, मुश्किल हो गया है
तेरी यादों में ही, दिल लगा रहता है
जी आर कवियूर
31 07 2024
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