भूल जो की है मैंने, अपने से ज्यादा,
तुझे प्यार किया, हर ख़्वाब में सजाया।
तेरी यादों में डूबा, हर एक पल को जीया,
दिल की हर धड़कन को, तेरा नाम दिया।
तू थी पास मेरे, या दूर कहीं, क्या फ़र्क़,
तेरे बिना ये दिल, हमेशा अकेला रहा।
सपनों की गलियों में, तेरा ही साथ था,
तेरी हंसी की गूंज, हर रात में बसा।
तू न समझा मेरी चाहत, मेरी दीवानगी,
फिर भी दिल ने, तुझे अपना खुदा माना।
भूल जो की है मैंने, अपने से ज्यादा,
तुझे प्यार किया, हर ख़्वाब में सजाया।
जी आर कवियूर
22 07 2024
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