Tuesday, July 9, 2024

पहचान

पहचान

सूरत से पहचान बनती, ये बात है सही,
पर सच्चाई है, सीरत में होती असली गवाही।

चेहरे पर नकाब, कई लोग पहनते हैं,
पर दिल की गहराई, असल सूरत कहती है।

रंग-रूप का जादू थोड़े समय में ढलता है,
मगर इंसान का किरदार उम्रभर चमकता है।

मुकाबला सूरत का, असल में दिल हारता है,
क्योंकि असली पहचान, सीरत से निखरता है।

दिखावे की दुनिया में, सच्चाई कहाँ छुपती है,
जो सीरत में सुंदर हो, वही असल सुखी है।

चेहरे के पीछे छुपी, हर दिल की कहानी है,
सीरत में जो उजाला हो, वही असली जिंदगानी है।

जी आर कवियूर
09  07  2024
    

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