क्या नहीं था,
पर तुम्हें पाकर जाना,
कितना अधूरा था।
तेरी मुस्कान में,
जिंदगी का जादू पाया,
मेरे हर ख्वाब को,
तेरी छांव में सुकून आया।
बिना तुम्हारे,
हर लम्हा वीरान था,
तुम्हें पाकर जाना,
क्या खोया और क्या पाया।
अब जब हो साथ मेरे,
सब कुछ है पूरा,
तेरी मोहब्बत ने,
दिल को है ऐसे छुआ।
जी आर कवियूर
No comments:
Post a Comment