मृत्यु ही निर्वाण है
जन्म और मृत्यु का कोई चक्र नहीं,
शांति में, शाश्वत सांस खोजें।
यात्राओं का अंत, अंतिम शांति,
हमारे सारे सांसारिक दुःख वहीं समाप्त हो जायेंगे।
दर्द से परे शांति की जगह,
जहाँ अब आँसू या दुःख का साम्राज्य नहीं है।
मृत्यु में हमें शुद्ध प्रकाश मिलता है,
सौम्य शांति, कोई अंतहीन रात नहीं।
निर्वाण की पुकार, इतनी कोमल और स्पष्ट,
मृत्यु में डरने की कोई बात नहीं है।
मौन धारण करो, कलह छोड़ो,
क्योंकि मृत्यु ही वास्तविक जीवन है।
जी आर कवियूर
20 07 2024
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