तन्हा कर दिया। ( गजल)
तेरे बिना जीवन की राहें कैसे सँभलता दिया।
वो बातें जो तेरे साथ कभी हँसकर की थीं,
आज वो यादें अश्कों में बदलता दिया।
तेरी यादों का कारवाँ यूँ ही चलता रहा,
तेरी याद ने मुझे हर पल दहकता दिया।
खुशियाँ तो मिलती रहीं, पर अधूरी-सी लगीं,
तेरे बिना हर खुशी को वीरान बनता दिया।
तेरे बिना ये शहर, ये गलियाँ सुनसान लगती हैं,
तेरी यादों ने हर लम्हा अकेला करता दिया।
तू नहीं है पास फिर भी तेरी महक आती है,
तेरे बिना हर शाम ने मुझे तन्हा कर दिया।
जी आर कवियूर
13 07 2024
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