Friday, January 10, 2025

"तेरी यादों में छुपी दुआ" (ग़ज़ल)

"तेरी यादों में छुपी दुआ" (ग़ज़ल)

हर दर्द का तू ही हो दवा,
यादों में आती हो बनकर दुआ,
तेरी हंसी की ख़ुशबू हो जैसे,
सांसों में घुल जाए वो ताजगी का रंग।

तेरी यादों में सुकून है पाया,
तेरे बिना हर लम्हा अजनबी सा लगता है,
तेरे बिना दुनिया वीरान सी लगती,
तेरे होठों पे मुस्कान बस हो, 
हर दर्द ख़त्म हो जाता है।

मेरी दुआओं में है तेरा नाम,
दूरी से भी तुम हो पास़ी के जाम,
तेरी यादें बनीं अब मेरा साथ,
ज़िन्दगी के सफ़र में बेहतरीन ख़ुदा।

 जी आर कहे दिल में उसके,
याद दर्द देती है, फिर भी हम ख़ुश हैं उसके साथ।**

जी आर कवियूर
10 -01-2025

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