Tuesday, January 21, 2025

ग़ज़ल: तेरे बिना जीना दुश्वार

ग़ज़ल: तेरे बिना जीना दुश्वार

एक नज़र देखने को दिल तरस गया,
यादों में जीने का हुनर सा बन गया।

तेरी मुस्कान का जादू बसा है यहां,
हर सदा में तेरा नाम गूंजा है वहां।

चाहतों की राह में बस तेरा ही ख्याल,
दिल की दुनिया में तेरा राज बन गया।

आसमान से गिरा हर सितारा कहे,
तेरे बिना मेरा हर ख्वाब टूट गया।

सांसें भी तेरे नाम की मुन्तज़िर रहीं,
तेरे बिना हर पल वीरान सा बन गया।

जी आर का जी नहीं मानता तेरे बग़ैर,
तेरे बिना जीना बड़ा दुश्वार हो गया।

जी आर कवियूर
21 -01-2025

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