Sunday, January 12, 2025

"तेरी नजरों का बयान"

"तेरी नजरों का बयान"


दिल को उठाकर जबान पर रखा है,
समझ कर भी अनजाना बना है तू।
और क्या बताऊं, दिन में रात,
प्यार की बात समझाई नहीं जाती।
ऐ सजन, प्यार तो महसूस किया जाता है।

तेरी खामोशी में बसती है सदा,
दिल की धड़कन से जुड़ी है दुआ।
जो कहना चाहूं, वो कह ना सकूं,
तेरी नजरों से हर राज बयां।

इश्क़ कोई सौदा नहीं, ये एहसास है,
दिल से दिल का जुड़ता विश्वास है।
लफ्ज़ों से नहीं, खामोशी से सुन,
प्यार की जुबां में बस तू ही तू है।

जी आर कवियूर
13 -01-2025

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