Wednesday, January 1, 2025

"तेरी यादें"

"तेरी यादें"

झूठी कसमें देने नहीं आती,
सच कहूँ दिल की बात जताती।

दिल तेरा हर घड़ी धड़कता है,
चुप रहूँ तो भी ये समझाती।

चाँदनी रातें, तेरा ख्याल लाए,
तेरी खुशबू सदा बहलाती।

हर नजर में तेरा ही चेहरा है,
हर खुशी तेरी याद दिलाती।

फूल जैसे नर्म तेरे अल्फ़ाज़,
जिनकी ख़ुशबू मुझे महकाती।

हर ग़म भूलकर जीते हैं 'जी आर',
तेरी यादें मुझे बस रुलाती।

 जी आर कवियूर
02-01-2025

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