Friday, January 3, 2025

तेरे नाम के उम्मीदों पे (ग़ज़ल)

तेरे नाम के उम्मीदों पे (ग़ज़ल)


तेरे नाम के उम्मीदों पे,
जी रहा हूं इस मोड़ पे।
सहता हूं हर दर्द-ओ-ग़म,
बस तेरे प्यार की डोर पे।

माना मुश्किलें हर कदम,
खड़ी हैं मेरे हर छोर पे।
पर दिल ने ये ठानी है,
साथ देंगे तुम एक रोज़ पे।

तेरे बिन ये रात अधूरी,
चाँद भी फीका है घोर पे।
तड़प जी आर की है गहरी,
तेरे दीदार की तलब हर ओर पे।

जी आर कवियूर
04-01-2025

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