तारों भरी रात में,
आँखें मिलीं रात में।
चाँदनी के साये में,
दिल धड़का रात में।
खो गए राहों में हम,
याद तेरी रात में।
तेरी चुप्पी के साथ,
रहा गूँजा रात में।
दर्द का साज़ बजा,
हर साँस गाये रात में।
तन्हाई के आगोश में,
सपने जागे रात में।
शायरी की महफ़िल में,
मन भरी रातों में।
ग़ज़लों की महफ़िल में,
तेरे नैना चमके रात में।
जी आर कहते हैं अब,
यही सही रात में।
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