रात की गहराई में,
तेरी आँखों का सागर बुलाता है।
हर लहर में,
एक नया ख्वाब दिखाता है।
दिल में अब भी एक तलब है,
तेरे दीदार की राह सजाता है।
तेरी खुशबू से भरा ये जहां,
हर सांस को बहलाता है।
तेरी हंसी की सरगम सुन,
मेरे ख्वाबों का जहां संवरता है।
हर दर्द को तेरे नाम से,
मेरा दिल अब मिटाता है।
जी आर का दिल ये कहता है,
तेरे बिना हर पल अधूरा लगता है।
जी आर कवियूर
14 -01-2025
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