Monday, January 13, 2025

तेरी आँखों का सागर

 तेरी आँखों का सागर

रात की गहराई में,
तेरी आँखों का सागर बुलाता है।
हर लहर में,
एक नया ख्वाब दिखाता है।

दिल में अब भी एक तलब है,
तेरे दीदार की राह सजाता है।
तेरी खुशबू से भरा ये जहां,
हर सांस को बहलाता है।

तेरी हंसी की सरगम सुन,
मेरे ख्वाबों का जहां संवरता है।
हर दर्द को तेरे नाम से,
मेरा दिल अब मिटाता है।

जी आर का दिल ये कहता है,
तेरे बिना हर पल अधूरा लगता है।

जी आर कवियूर
14 -01-2025

No comments:

Post a Comment