Saturday, January 18, 2025

सुकून की तलाश (ग़ज़ल)

सुकून की तलाश (ग़ज़ल)

दिल में ख्याल है बस तेरे लिए,
कैसे कहूं हाल ये मेरे बिना तेरे लिए।

जी तो रहा हूं पर सुकून कैसे,
तेरे बिना ये दिल बहलाए कैसे तेरे लिए।

तेरी यादें जैसे हवा का झोंका,
दिल में तू हो, पर सामने नहीं होता तेरे लिए।

कैसे जी लूं मैं, तेरे बिना,
वो मुस्कान, वो तेरा प्यार कहाँ तेरे लिए।

तेरे बिना ये जिंदगी खाली सी लगती,
हर खुशी में तेरा चेहरा नजर आता तेरे लिए।

इंतजार है बस तेरा ही,
तू आए तो सारा जहां रोशन हो तेरे लिए।

तेरे बिना जीना है मुश्किल,
सुकून नहीं रहे जी आर को।


जी आर कवियूर
18-01-2025

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