तेरी तलाश में (ग़ज़ल )
बीते हुए दोनों की तलाश में
तेरी यादों की महक की तलाश में
हर मोड़ पे ठहरी उदास शामें
उजड़े हुए गुलशन की तलाश में
कभी चाँदनी में तेरा अक्स देखा
कभी जल गई शब तेरी तलाश में
ग़ज़ल बनके बिखरी तेरी बातें
उलझी हुई लफ़्ज़ों की तलाश में
सहर भी ठहर गई मेरी उलझन पे
बिखरी हुई राहों की तलाश में
बरसती रही अश्कों में तन्हाई
डूबी हुई कश्ती की तलाश में
तेरी राह में मैंने रखे थे कदम
हर दर्द-ए-दिल की तलाश में
"जी आर के तनहा" हर एक राह देखी
कहीं तू मिला, कहीं खुदा की तलाश में
जी आर कवियूर
29 -01-2025
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