Thursday, January 2, 2025

होंठों में रहेगी वो बात,(ग़ज़ल)

होंठों में रहेगी वो बात,(ग़ज़ल)


होंठों में रहेगी वो बात,
दिल में जो समा गई है।
नज़रों के इशारे से,
जिंदगी सजा गई है।

चुप रहकर भी उसने,
दास्तां बयां कर दी।
उसकी मुस्कान ने जैसे,
दुनिया नई दिखा दी।

राहों में छुपे थे जो फूल,
उसने बहार ला दी।
हर एक ख्वाब को मेरे,
हकीकत बना गई है।

सांसों में उसकी महक,
दिल को सुकून दे गई है।
होंठों में रहेगी वो बात,
दिल में जो समा गई है।

 जी आर कवियूर
02-01-2025

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