Monday, January 6, 2025

तू ही मेरी ज़िंदगी का सवेरा।

तू ही मेरी ज़िंदगी का सवेरा।

तुझे अपने तो नूर बना दिया,
बिना चाँद का जहाँ सजा दिया।
तेरी बातों में खुशबू बसाई है,
दिल के हर कोने में जगह बनाई है।

तेरे बिना ये दिन सून पड़े हैं,
तेरी यादें ही हमसफ़र बने हैं।
जो खो गया, वो फिर पा लिया,
तू पास हो, तो जैसे सारा जहां सजीला है।

तेरी यादों का दीप जल रहा,
हर सवेरा मुझे खिला रहा।
तू जो पास हो, रौशन ये समां,
तेरे बिना अधूरा हर एक जहां।

जी आर कवियूर की दुआ में असर बस तेरा,
तू ही मेरी ज़िंदगी का सवेरा।

जी आर कवियूर
06-01-2025


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