Wednesday, January 8, 2025

"क्षण की सच्चाई"

"क्षण की सच्चाई"

पल ही जीवन का असली सार है
सपने, चाहे पंख हों, सीमाएँ रखते हैं

बीते हुए कल के विचार भुलाए जा सकते हैं
क्या आज हमें कल की ओर नहीं ले जा सकता?

मन अपनी ही छवियाँ उकेरता है
पर सच्चाई सिर्फ वर्तमान में बसती है

समय के साथ उठे संदेह धीरे-धीरे मिट जाते हैं
यह एक सांस ही सारी उम्मीद का आधार है

जीवन अपनी स्पष्टता में अभी प्रकट होता है
सत्य ही एकमात्र मार्ग है जो अडिग रहता है

सपनों को सत्य से ही अर्थ मिलता है
यह पल ही चिरंतन गवाह है।


जी आर कवियूर
09-01-2025

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