Sunday, January 19, 2025

"तेरे इश्क़ का अफसाना" ( ग़ज़ल)

"तेरे इश्क़ का अफसाना" ( ग़ज़ल)


मैं तेरा दीवाना हूं,
मैं तेरा दीवाना हूं,
तेरे प्यार का मारा बेबस हूं।

तेरी जुल्फों का हर एक साया,
तेरी जुल्फों का हर एक साया,
चुपके से कहता है, मैं प्यासा हूं।

तेरा जलवा है जैसे चांदनी,
तेरा जलवा है जैसे चांदनी,
रूह को छूता इक तराना हूं।
तेरी यादों का हर एक नग़्मा,
तेरी यादों का हर एक नग़्मा,
दिल में बसा हुआ अफसाना हूं।


तेरी आँखों के इस समंदर में,
तेरी आँखों के इस समंदर में,
डूबने वाला इक दीवाना हूं।

हर धड़कन में तेरी आहट है,
हर धड़कन में तेरी आहट है,
दिल के करीब तेरा अफसाना हूं।
सदियों से तलाश थी तेरी,
सदियों से तलाश थी तेरी,
अब जीने का बस बहाना हूं।


जी आर की चाहत के मजबूरी,
जी आर की चाहत के मजबूरी,
हर ग़ज़ल में तेरा ही अफसाना हूं।

जी आर कवियूर
19 -01-2025

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