सौ सपने मिलकर एक हो जाएं,
चाँदनी में मिठी पीड़ा समाए।
रागों में बहे मधुर शहद सा,
क्या ये प्रेम का न कोई गीत गाए?
आँसू की बूँदें चूमती हैं,
दिल में बिखरते हैं सुंदर पल।
शब्दों का किनारा खो जाता है,
स्वरों की खामोशी गाती है एक रहस्य।
संगीत की लहरें हर जगह खेलें,
मन में गाने का सुख बसा हो,
जिंदगी का मर्म बन्धन से मुक्त,
अंधेरे दिल में तारे चमकते हों।
नदियाँ बहती हैं मीठे स्वाद से,
संगीत का सागर अनमोल सा,
ग़ज़लें खिलती हैं बसंत के रंगों में,
प्रेम ही सजे इस ज़िंदगी के महफिल में।
जी आर की यादों में बिखरेगा काव्य रस।
जी आर कवियूर
18-01-2025
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