अनजाने में खो गया
वसंत का एक दर्द,
बिना कहे रह गया
जीवन का बड़ा अर्थ।
आँखें खुली नहीं थीं
सपने होंठों पे थे,
यादों में डूबा दिल
तेरे करीब ही थे।
भूल पाना मुमकिन नहीं
चाँद सा दिल ये कहता,
हर तरफ तुझे खोज रहा
जैसे खोया है रहता।
हवा में खिला फूल
तेरी खुशबू है क्या?
तेरी हंसी में छुपा
सारा जादू सजा।
इस थकावट में
तू लौट आए अगर,
फिर गा सकेगी ज़िंदगी
आँखों में रंग भर।
तू जो आए, जी उठे,
जीवन की बहार जी उठा।
तेरे बिन वीरान हूँ,
कहता है दिल से जी.आर।
जी आर कवियूर
08-01-2025
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