Monday, January 6, 2025

याद तरसे तेरी जुदाई (ग़ज़ल)

याद तरसे तेरी जुदाई (ग़ज़ल)

याद तरसे तेरी जुदाई,
दिल की धड़कन आज भी।
तेरे बिना ये सांझ सून,
बिखरी दुल्हन आज भी।

तेरी राहों के फूल चुनूँ,
दिल में चाहत आज भी।
वो सावन की बूंदें छूकर,
लिखती उल्फ़त आज भी।

क्यों ना आए वो पल हसीं,
गूंजे नग़्मा आज भी।
कैसे कह दूँ भूल चुका,
दिल में तड़पन आज भी।

जी आर की दुआओं में,
जिंदा चाहत आज भी।

जी आर कवियूर
06-01-2025


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