Tuesday, January 21, 2025

सितारों से भी नूर

सितारों से भी नूर

सितारों, तुमने देखा है क्या
उनकी नूर चाँद से भी बेहतर
हसीनों की राहों में जो बिखरे
वो लम्हे हैं कितने सुहाने, कितना प्यारे

जितनी बार तुमने देखी हो रातें
उनमें ही छुपी हो एक हसीन तस्वीर
कभी वो नजरें, कभी वो बातें
जो हमें कर दें दिल के करीब

तेरे हँसी में छुपा सुकून होता
वो रातें जो कभी ज्यादा रोशन
मेरे दिल की बगिया में महकते हैं
तेरे ख्वाब, जैसे फूलों की खुशबू

सितारों में बसी है एक और चाहत
जो दिल की गहराई में बसा करती है
तेरी यादों की नर्म लहरें
हर बार नया प्यार का गीत गाती है

जी आर कवियूर
22 -01-2025


No comments:

Post a Comment