अनुराग के तीर पर खड़ा मैं,
सुन रहा हूँ तेरे गीतों को।
बह रही है पवन की बयार,
चुपके से, तेरी यादों को।
समंदर की लहरें जैसे तुझसे,
मिलने का कोई रास्ता खोजें।
आकाश और धरती मिलते हैं,
तेरी आँखों में जो रंग छुपें।
तेरी हँसी की ध्वनि में खो जाए,
हर एक पल, वही सुकून है।
जब भी बिन तेरे ये दिन बीते,
उम्र भर का एक दर्द होगा।
जी आर कवियूर
07-01-2025
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