तेरी यादों की घुटन" (ग़ज़ल)
ये कैसा इंतहान है,
वक़्त ने हमसे किया।
तन्हाई में पलने को,
मजबूर हमें किया।
तेरी यादें इस कदर,
सताती हैं हर घड़ी।
जीने को मजबूर है,
मगर दिल में है घुटन।
आँखों में तेरी सूरत,
ख्वाबों में हर पल है।
रुसवा किया ज़माने ने,
पर दिल में वो हलचल है।
तेरे बिना ये दुनिया,
बेज़ार सी लगती है।
हर सांस तेरा नाम ले,
मोहब्बत जो रचती है।
जी आर आज भी तेरी आग की
चिंगारियां लिये जीते है।
तेरे इश्क़ के अफ़साने,
हर मोड़ पे सुनाते है।
जी आर कवियूर
06-01-2025
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