आकाश के तले, पर्वतों के नीचे,
आश लिए पहुंचा तेरी यादों के सीचे।
तेरी बातों की खुशबू, तेरी मुस्कान की चाहत,
दिल को बांध लिया तूने, यादों के सीचे।
रातों की तन्हाई में, तेरा नाम लिखता हूं,
ख्वाबों में तेरी सूरत, यादों के सीचे।
तेरी आँखों की गहराई, समंदर सी लहराती,
हर दम तेरी ख्वाहिश, यादों के सीचे।
तेरे बिना जीना मुश्किल, तेरे बिना कैसे रहूं,
हर पल तेरी फिक्र में, यादों के सीचे।
मेरी धड़कन तेरी है, मेरी सांस तेरी है,
तेरे बिना ये जीवन, यादों के सीचे।
"जी आर" कहता है अब, तू ही है मेरी मंजिल,
तेरे बिना ये जहां, यादों के सीचे।
जी आर कवियूर
27 -01-2025
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