भाई जैसा कोई और साथ नहीं होता,
दुख में भी जो हँसाए, वो हाथ नहीं होता।
बचपन की हर ख़ुशी में जो साथ चलता है,
वो रिश्ता यूँ ही दिल के पास नहीं होता।
कभी लड़ते हैं तो लगे दुश्मन सा कोई,
पर हर चोट पे पूछे, 'कुछ बात नहीं होता?'
मुसीबत में जो दीवार बन खड़ा हो जाए,
उस जैसा कोई और जज़्बात नहीं होता।
'जी आर' ने देखा है रिश्तों का संसार,
भाई जैसा कोई जज़्बात नहीं होता।
जी आर कवियुर
01 07 2025
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