Friday, June 13, 2025

अकेले विचार – 72


अकेले विचार – 72


सच्चाई से मिलने वाले अपने

सच एक शांत रास्ते पर चल सकता है,
दूर तालियों या दुनिया की भीड़ से।
लोग बदल सकते हैं, आवाज़ें धीमी हो सकती हैं,
पर ईमानदारी कभी डरती नहीं।

झूठी सराहना चारों तरफ गूंज सकती है,
लेकिन सच्चे दिल उन्हीं को समझते हैं जो सच्चे हों।
विश्वास खुले आकाश में पनपता है,
बिना छल के शब्दों से जुड़ता है।

कुछ ही लोग साथ रहेंगे, पर मजबूती से खड़े रहेंगे,
ऐसे हाथ जो केवल सच्चाई को थामते हैं।
जहाँ रोशनी हो, वहाँ अंधेरा नहीं टिकता —
सच के साथ चलने वाले ही अपने बनते हैं।

जी आर कवियुर 
१३ ०६  २०२५

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