जब लोग करें तुम्हारी काबिलियत पर सवाल,
तब भी रहो चमकते जैसे हो कमाल।
संदेह हैं परछाई, सच नहीं,
ताक़त तुम्हारी छुपी कहीं नहीं।
हीरे की पहचान होती है कसौटी से,
उसकी चमक न घटती किसी भी बात से।
सोने को भी परखा जाता बार-बार,
फिर भी वो रहता सबसे बेहतरीन यार।
हर परीक्षा में रखो आत्मसम्मान,
तुम जानते हो खुद को सबसे महान।
दुनिया के शब्दों को बहने दो हवा में,
अडिग रहो, जैसे पर्वत खड़ा हो धरा में।
जी आर कवियुर
29 06 2025
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