मन के साज़ पे दर्द ही दर्द बजा — तूने कहा
अब इस दिल का कोई नहीं बचा — तूने कहा
जो सपने हमने संग देखे थे हर रात में
सब कुछ था पर वो मेरा न रहा — तूने कहा
ठंडी शामों में तेरा साथ जो रहता था
अब वो साया भी नहीं रहा — तूने कहा
कभी जो वादा किया था 'न भूलेंगे हम'
आज वो भी बस धोखा था — तूने कहा
‘जी आर’ की कलम में ये प्यार जिंदा रहेगा
पर मेरा नाम अब मिट गया — तूने कहा
जी आर कवियुर
०३ ०६ २०२५
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